वो लम्हे, वो बातें कोई ना जाने



सागर की गहराई से गहरा है अपना प्यार

सेहराओं की इन हवाओं में कैसे आएगी बहार

कहाँ से ये हवा आई घटायें काली क्यूँ छायी

ख़फ़ा हो गए हम जुदा हो गए हम

वो लम्हे, वो बातें कोई ना जाने

थी कैसी रातें हो… ओ. बरसातें

वो भीगी भीगी यादें

वो भीगी भीगी यादें

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